राहुल गांधी ने सीसीटीवी-वेबकास्टिंग फुटेज सिर्फ 45 दिन रखने के नियम पर उठाए सवाल
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा एक वीडियो के जरिए उन्होंने आरोप लगाया कि वोट चोरी सिर्फ चुनावी गड़बड़ी नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र के साथ किया गया गंभीर विश्वासघात है। राहुल ने लिखा, “देश के गुनहगार सुन लें—वक्त बदलेगा, सजा जरूर मिलेगी।”
राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सत्ता मिली। उन्होंने दावा किया कि मोदी महज 25 सीटों के अंतर से प्रधानमंत्री बने और आयोग ने कर्नाटक के महादेवपुर विधानसभा क्षेत्र में मतगणना से जुड़े आंकड़े उपलब्ध कराने से इनकार किया।
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग चुनावी प्रक्रिया के सीसीटीवी व वेबकास्टिंग फुटेज को केवल 45 दिनों तक सुरक्षित रखने का नियम बनाकर सबूत मिटाने की कोशिश कर रहा है, जबकि इसी अवधि में अदालत में चुनाव परिणाम को चुनौती दी जा सकती है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में हेरफेर के आरोप पर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को शपथ पत्र के साथ सबूत पेश करने को कहा है। इसी तरह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2024 से जुड़े मतदाता धोखाधड़ी के मामले में भी उनसे शपथ पत्र और प्रमाण मांगे गए हैं।
भाजपा का पलटवार
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के आरोपों को गंभीरता से लेने से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कानूनी प्रक्रिया का सहारा क्यों नहीं लिया? उन्होंने सवाल उठाया कि पार्टी ने न तो आपत्ति दर्ज कराई और न ही कोई चुनाव याचिका दायर की, फिर अब आयोग पर चुनिंदा हमला क्यों किया जा रहा है?