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पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

लोकसभा अध्यक्ष, रक्षा मंत्री और भाजपा अध्यक्ष सहित कई नेताओं ने अर्पित किए श्रद्धासुमन

नई दिल्ली। आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘सदैव अटल’ स्मारक पहुंचकर उन्हें नमन किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कई वरिष्ठ नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने भी उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा उपसभापति हरिवंश और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित अनेक दिग्गज नेताओं ने अटल जी को श्रद्धांजलि दी। वहीं, उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य भी इस मौके पर मौजूद रहीं और भावुक होकर अपने पिता को नमन किया।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा – “अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन। भारत की सर्वांगीण प्रगति के प्रति उनका समर्पण और सेवाभाव हमें आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा।”

अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक सफर

अटल बिहारी वाजपेयी 16 से 31 मार्च 1996 और फिर 19 मार्च 1998 से 13 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता थे। इंदिरा गांधी के बाद वे ऐसे इकलौते प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने तीन बार अपने नेतृत्व में पार्टी को जीत दिलाई।

25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल जी के पास चार दशक से अधिक का संसदीय अनुभव था। 1957 से वे लगातार संसद सदस्य रहे और भारतीय राजनीति में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई।

सर्वोच्च सम्मान से हुए सम्मानित

अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्र सेवा के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें 1992 में पद्म विभूषण और ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ पुरस्कार मिला। 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय ने उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी। वर्ष 2014 में उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा हुई और 2015 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया गया।

16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में अटल जी का निधन हो गया। आज भी वे अपनी दूरदर्शी नीतियों, ओजस्वी वक्तृत्व कला और राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव के लिए देशवासियों के दिलों में अमर हैं।

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