रिपोर्टर- सुनील सोनकर
पहाड़ों की रानी मसूरी में गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस पर श्रद्धा, समर्पण और भाईचारे के साथ मनाया गया। सोमवार को सुबह गुरु तेग बहादुर हिन्द दी चादर सिमरन पद यात्रा लंढौर से शुरू हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु, स्कूली बच्चे और नगर के लोग शामिल हुए। पद यात्रा गुरुद्वारा से जैन धर्मषाला होते हुए वापस गुरूद्वारा पहुँचकर पाठ भोग के साथ संपन्न हुई। इस दौरान शहर गुरु महाराज के जयकारों और कीर्तन की धुनों से गूँज उठा। रास्ते भर स्थानीय नागरिकों ने जलपान और स्वागत की व्यवस्था कर भाईचारे की मिसाल पेश की। पदयात्रा के साथ ही गुरुद्वारा परिसर में प्रातःकाल से अखंड पाठ का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा समिति द्वारा गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, दर्शन और महान बलिदान पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।
गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष एमपीएस खुराना ने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी ने हिंदुत्व, मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इसी कारण उनका शहीदी दिवस पूरे देश में विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में होने वाला मुख्य समारोह कुछ समय के लिए सुरक्षा कारणों के चलते प्रभावित हुआ था, लेकिन अब कार्यक्रम सुचारू रूप से जारी हैं और देश के कई वरिष्ठ नेता वहाँ उपस्थित होकर गुरु महाराज का आशीर्वाद ले रहे हैं।
मसूरी के सामाजिक कार्यकर्ता जगजीत कुकरेजा ने कहा कि मसूरी एक “फूलों का गुलदस्ता” है जहाँ सभी धर्मों के लोग प्रेम और सद्भाव के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि शहीदी दिवस पर स्नातक धाम मंदिर की कीर्तन मंडली ने भी कीर्तन कर गुरु महाराज के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। कार्यक्रम के अंत में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

