रिपोर्ट : अगस्टीन मांडा, देहरादून NIU ✍️ अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) ने हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी का नाम रेड कॉर्नर सूची से हटा दिया है। रेड नोटिस इंटरपोल के 195 सदस्यों द्वारा दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए लंबित व्यक्ति को खोजने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए जारी किए गए अलर्ट का उच्चतम रूप है।
चोकसी ने दिसंबर 2018 में इंटरपोल द्वारा जारी आरसीएन (रेड कॉर्नर नोटिस) को “मानवाधिकारों के उल्लंघन” का हवाला देते हुए रद्द करने की मांग की थी, लेकिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इसका विरोध किया था।
चोकसी ने पांच सदस्यीय इंटरपोल कमेटी की अदालत के सामने रेड नोटिस को चुनौती दी थी, जिसे कमिशन फॉर कंट्रोल ऑफ फाइल्स के नाम से जाना जाता है। उसके खिलाफ 2018 में नोटिस जारी किया गया था, लगभग 10 महीने बाद वह उस साल जनवरी में भारत से भागकर एंटीगुआ और बारबुडा में शरण लेने के लिए आया था, जहां उसने नागरिकता ले ली थी।
मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही भारतीय जांच एजेंसियों को झटका देते हुए इंटरपोल ने अपने बयान में कहा कि चोकसी के आरोपों में दम है कि भारत उसका “अपहरण” करने की कोशिश कर रहा है। रेड नोटिस को हटाने का मतलब है कि चोकसी कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने के डर के बिना स्वतंत्र रूप से दुनिया भर में यात्रा कर सकता है।
मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के रेड नोटिस डाटाबेस से हटने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए सीबीआई ने कहा है कि भारत की ओर से किए गए प्रत्यर्पण अनुरोध पर एंटीगुआ और बारबुडा में अधिकारियों के समक्ष सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है। सीबीआई ने यह भी कहा है कि इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के डाटाबेस से उसका नाम हटने का कोई असर नहीं पड़ेगा।