हरिद्वार : धर्मनगरी हरिद्वार से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि एक मजदूर की पत्नी प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल पहुंची, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया। आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सलोनी ने महिला को बाहर निकालते हुए साफ कहा कि यहां डिलीवरी नहीं होगी।
अस्पताल से निकाले जाने के बाद बेसहारा प्रसूता ने फर्श पर ही तड़पते हुए बच्चे को जन्म दिया। यह दर्दनाक नजारा देखकर मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। परिजनों का आरोप है कि महिला को समय पर इलाज मिलता तो यह स्थिति नहीं बनती।
इस घटना ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के दावे करती है, वहीं जमीनी हकीकत इससे उलट दिखाई दे रही है।
स्थानीय लोगों और परिजनों ने शासन-प्रशासन से दोषी डॉक्टर व संबंधित अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, आमजन का कहना है कि यदि स्वास्थ्य व्यवस्था ऐसी ही रही तो गरीब और मजबूर लोगों की जान यूं ही संकट में पड़ती रहेगी।