अंतराष्ट्रीय मंच पर राष्ट्रिय “कला सारथी” सम्मान से सम्मानित होने पर डॉ नंद लाल भारती जौनसारी जी का उत्तरांचल प्रेस क्लब में हुआ स्वागत।
रिपोर्ट: अगस्टीन मांडा (न्यूज़ इंडिया अपडेट NIU)
उत्तरांचल राज्य के जौनसारी जनजाति के निर्धन दलित बंधुआ श्रमिक परिवार में जन्मे डॉ. नंद लाल भारती जौनसारी जी ने जनजातीय लोक संस्कृति को विश्व पटल में स्थापित कर दिखाया। वर्ल्ड फोरम फॉर आर्ट एंड कल्चर(WFAC) प्रतियोगिता में 180 देशों के प्रतियोगिताओं को पछाड़ कर डॉ. नंद लाल भारती जी ने भारतीय लोक कला सारथी की उपाधि हासिल कर इतिहास रचा।
हाल ही में श्री नंद लाल भारती जी को मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ लेटर्ज मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। डॉ। नंद लाल भारती जी ने कई विश्व कीर्तिमान भी हासिल करी जिनमे 12 गिनीज वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड भी शामिल हैं। जौनसारी जनजाति लोक संस्कृति – गीत संगीत के प्रसार में डॉ. नंदलाल भारती जी का कार्य आज विश्व पटल में पहचान दिलाता हैं। डॉ. नंद लाल भारती जी को जौनसार रत्न, देवभूमि रत्न, दून रत्न, लोककला रत्न, उत्तराखंड विभूषण, फॉक आर्ट सम्मान, रत्न सिंह स्मृति सम्मान, डॉ. मोहन उप्रेती सम्मान, लोक रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया हैं।
आज देहरादून स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में डॉ. नंद लाल भारती जी को प्रेस क्लब द्वारा संचालित अभिनंदन कार्यक्रम में अध्यक्ष अजय राणा जी और उपाध्यक्ष रश्मि खत्री जी ने पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अभिनंदन समारोह में डॉ. नंद लाल भारती जी ने उत्तराखंड वासियों से अपने संस्कृति के प्रति सजग रहने की भी बात की और ये भी कहा की हमारी संस्कृति, बोली-भाषा हमे जीने का तरीका सिखाती हैं। अभिनंदन समारोह में जौनसार बावर महासभा के अध्यक्ष मुन्ना सिंह राणा जी और दलित साहित्य महासभा के अध्यक्ष जयपाल राणा सिंह जी, लोक कलाकार भगत सिंह राही, जौनसारी गायक भारू निराला, जौनसारी गायिका कृपा रांगटा आदि उपस्थित थें।