ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश एक बार फिर विवादों में घिर गया है। कभी पत्रकारों से दुर्व्यवहार तो कभी मरीजों के साथ अमर्यादित व्यवहार के आरोपों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले एम्स प्रशासन पर अब संविदा कर्मचारियों ने तानाशाही रवैये का आरोप लगाया है।
हाल ही में प्रशासनिक अधिकारियों ने चौकी प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर अस्पताल परिसर में शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी। वहीं, संविदा कर्मचारियों का कहना है कि संस्थान प्रशासन उन्हें जानबूझकर मानसिक उत्पीड़न का शिकार बना रहा है।
कर्मचारियों का आरोप है कि वे शांतिपूर्वक निदेशक कार्यालय के बाहर संस्थान के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन इसके बावजूद उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि वे अस्पताल परिसर में नहीं, बल्कि शिक्षा संस्थान के भीतर निदेशक कार्यालय के बाहर खड़े थे।
कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस और सुरक्षा गार्ड उनकी तस्वीरें खींच रहे थे और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही थी, जबकि उनका आचरण पूरी तरह शांतिपूर्ण था। साथ ही उन्हें गेट नंबर 3 से प्रवेश नहीं दिया गया और गेट नंबर 2 पर एकत्रित होने के लिए बाध्य किया गया।
कर्मचारियों का आरोप है कि पूरा घटनाक्रम वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा माहौल बिगाड़ने और उन्हें गलत तरीके से फंसाने की सुनियोजित कोशिश है।