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अंकिता भंडारी केस में मिला न्याय, पुलकित सहित सभी आरोपी दोषी हुए करार । NIU

अंकिता भंडारी केस में मिला न्याय, पुलकित सहित सभी आरोपी दोषी हुए करार । NIU

उत्तराखंड के संवेदनशील फैसले को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क

कोटद्वार। उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे) का बहुप्रतीक्षित फैसला आने वाला है। करीब दो साल आठ महीने तक चले इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने 47 गवाह पेश किए। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य — जो वनंत्रा रिजॉर्ट का स्वामी है — और उसके दो साथी सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता पर हत्या, सबूत मिटाने, छेड़छाड़ और अनैतिक देह व्यापार से संबंधित विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए गए थे।

उत्तराखंड की आत्मा को भीतर तक झकझोरने वाले बहुचर्चित अंकित हत्याकांड में वनंतरा रिसोर्ट के मालिक पुलकित आर्य, रिसोर्ट प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को दोषी पाया गया है। शुक्रवार को कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी माना है। तीनों आरोपी जेल में ही बंद हैं।

वनंतरा प्रकरण में लगभग 26 माह तक चली सुनवाई के बाद शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने तीनों आरोपियों को हत्या का दोषी करार दिया। हालांकि, सजा पर आदेश आना बाकी है। दोषसिद्ध के बाद कुछ समय के लिए कोर्ट को स्थगित कर दिया गया। इस मामले में 28 मार्च 2023 से ट्रायल शुरू हुआ था और बीती 19 मई को दोनों पक्षों की गवाही व जिरह समाप्त हुई थी।

पौड़ी जनपद के यमकेश्वर स्थित वनंतरा रिसार्ट में रिसेप्शनिस्ट का कार्य करने वाली ग्राम डोभ-श्रीकोट निवासी 19-वर्षीय युवती अंकिता 18 सितंबर 2022 को लापता हो गई थी। 06 दिन बाद 24 सितंबर को युवती का शव घटनास्थल से 13 किमी दूर चीला नहर बैराज में मिला था।

युवती के पिता की शिकायत पर पुलिस ने रिसार्ट स्वामी पुलकित आर्य, रिसार्ट प्रबंधक सौरभ भाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित को गिरफ्तार किया था। तीनों पर युवती की हत्या, अपराध के साक्ष्य गायब करने व अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम के तहत आरोप थे। पुलकित आर्य इस समय अल्मोड़ा, अंकित देहरादून व सौरभ टिहरी जेल में बंद है।
सजा का ऐलान आज दोपहर में होना है, वहीं सड़क पर जनता आरोपियों के लिए फांसी की मांग कर रही है ऐसे में कोर्ट क्या सजा सुनाती है इसका सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

अंकिता भंडारी, जो गंगा भोगपुर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थीं, 18 सितंबर 2022 को रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गई थीं। एक हफ्ते की खोजबीन के बाद 24 सितंबर को उनका शव चीला शक्ति नहर से बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम में मृत्यु का कारण डूबना बताया गया, लेकिन शरीर पर मिले जख्मों ने कई सवाल खड़े किए। जांच की ज़िम्मेदारी संभालने वाली एसआईटी ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 97 गवाहों के बयान शामिल थे।

आरोपों और अफवाहों की परतें
मामले में यह आरोप है कि अंकिता पर रिजॉर्ट में “विशेष सेवा” देने का दबाव डाला गया था, और इंकार करने पर उसकी हत्या कर दी गई। साथ ही, एक रहस्यमयी ‘वीआईपी’ की भूमिका की चर्चाएं भी लंबे समय तक चर्चा में रहीं, हालांकि चार्जशीट में इसकी पुष्टि नहीं की गई।

परिवार और समाज की अपेक्षाएं
अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने एक भावुक बयान में कहा कि वह अपनी बेटी के दोषियों को फांसी की सज़ा मिलते देखना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिशें हुईं और जांच को प्रभावित किया गया। इस मामले ने राज्यव्यापी आक्रोश को जन्म दिया, जहां आम जनता सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग करती रही।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
फैसले से पहले कोटद्वार में सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। कोर्ट परिसर के आसपास का इलाका सील कर दिया गया है, और अन्य जिलों से भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कोतवाल रमेश तनवार ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलेगा।

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