GRAP-2 लागू, फिर भी नहीं सुधर रही राजधानी की हवा
दिल्ली के बाद नोएडा की हवा सबसे ज्यादा खराब, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में
नई दिल्ली। राजधानी समेत पूरे एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स कई इलाकों में ‘गंभीर’ श्रेणी को पार कर गया। एम्स, अक्षरधाम और इंडिया गेट जैसे सेंसेटिव ज़ोन में AQI 380 से 420 के बीच दर्ज किया गया, जिसके बाद पर्यावरण एजेंसियों और स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर चिंता जताई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली की फिजा में पीएम 2.5 की मात्रा लगातार बढ़ रही है, जो सीधे तौर पर सांस और हृदय संबंधी बीमारियों को प्रभावित करती है। पराली के धुएं की हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ रही है। शनिवार को दिल्ली की हवा में पराली से होने वाला प्रदूषण 30% से अधिक दर्ज किया गया और रविवार को यह 31% के पार जा सकता है।
सुबह की शुरुआत घने स्मॉग और धुंध के साथ हुई। सफदरजंग एयरपोर्ट पर सुबह 6:30 बजे दृश्यता 900 मीटर तक ही सीमित रही, जो थोड़ी देर बाद बढ़कर 1200 मीटर हो पाई। मास्क पहनकर सफर करते लोगों की संख्या भी बढ़ गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि अस्थमा और सांस की समस्या वाले मरीजों को बाहर निकलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
एनसीआर में दिल्ली के बाद सबसे खराब स्थिति नोएडा की रही, जहां AQI 354 दर्ज किया गया। गाजियाबाद में 339, ग्रेटर नोएडा में 336 और गुरुग्राम में 236 दर्ज हुआ। इस दौरान फरीदाबाद की हवा अपेक्षाकृत बेहतर रही, लेकिन वह भी ‘खराब’ श्रेणी में ही रही।
CPCB का अनुमान है कि मंगलवार तक हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रह सकती है। दीपावली के बाद से कई इलाकों में AQI लगातार नीचे नहीं आ रहा है, जबकि GRAP-2 के नियम अभी भी लागू हैं। हालांकि, दिल्ली में इस वर्ष अभी तक ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी वाला दिन दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो इस सप्ताह ऐसे हालात बन सकते हैं।

