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एमपीजी कॉलेज में एनएसयूआई ने प्रोफेसर जेसाली का पुतला फूंका, एबीवीपी ने किया विरोध, दोनों के बीच हुई तीखी नोकझोंक। NIU

एमपीजी कॉलेज में एनएसयूआई ने प्रोफेसर जेसाली का पुतला फूंका, एबीवीपी ने किया विरोध, दोनों के बीच हुई तीखी नोकझोंक। NIU

रिपोर्टर- सुनील सोनकर/मसूरी

मसूरी एमपीजी कॉलेज में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रोफेसर डॉ जेसाली के खिलाफ कॉलेज में छात्र-छात्राओं को गुमराह कर एबीवीपी की सदस्यता लेने के लिये प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए उनके पुतले को आग के हवाले करते हुए उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई व प्रोफेसर डॉ जेसाली के इस्तीफे की मांग की। इस मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोंकझोंक ओर धक्का मुक्की भी हुई ।

एनएसयूआई के छात्र नेता जगपाल गुंसाई और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रिंस पवार ने कहा कि प्रोफेसर डा. जेसाली इतिहास के शिक्षक है परंतु व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मसूरी के शहर अध्यक्ष हैं जो गलत है। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर जेसाली द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की कॉलेज परिसर में बैठक कराकर छात्र-छात्राओं को गुमराह कर उनके जबरन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सदस्यता ग्रहण कराई जा रही है जिसको वे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने एमपीजी कॉलेज के प्राचार्य अनिल चौहान को ज्ञापन देकर डॉक्टर जेसाली के इस्तीफा की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग पूरी नही होती तो वह उग्र आंदोलन करने के साथ कॉलेज में तालाबंदी करेगे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य और विश्वविद्यालय प्रतिनिधि मोहन शाही और कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष प्रीतम लाल ने कहा कि एनएसयूआई द्वारा राजनीति से प्रेरित होकर प्रोफेसर जेसाली पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है, क्योंकि एनएसयूआई को जनाधार मसूरी एमजी कॉलेज से खत्म हो चुका हैं। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई के छात्र नेता बेवजह के राजनीति कर बेवजह के मुद्दों को तूल दे रहे है जो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के कई प्रोफेसर एबीवीपी के सदस्य और पदाधिकारी है उन्होंने कहा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमेंशा से छात्र हितों का काम किया है और करते रहेंगे ।

कॉलेज प्राचार्य अनिल चौहान ने कहा कि एनएसयूआई के द्वारा कॉलेज के इतिहास के शिक्षक डॉक्टर जेसाली को लेकर एक ज्ञापन दिया गया है जिसका संज्ञान लेकर उनके द्वारा जांच कमेटी बना दी जाएगी और जांच कमेटी की रिपोर्ट के आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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