
दीप मैठाणी ✍️ NIU पहाड़ों की रानी मसूरी में बेतरतीब तरीकों से किए गए निर्माण के चलते मसूरी अब कंक्रीट के जंगल में तब्दील होती जा रही आए दिन बड़ी से बड़ी कंपनियां अपने होटल मसूरी में खोल रही हैं, परंतु दुर्भाग्य की बात है की इसके लिए नियमावली का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी में सामने आया है कि मसूरी में कई ऐसे होटल हैं जो बिना प्रदूषण लाइसेंस के चल रहे हैं साथ ही ऐसे कई होटल हैं जिनके पास अपना एसटीपी प्लांट तक नहीं है, Yashshree mussoorie, Queen plaza, Grand valley, Green n breeze जैसे कई होटल हैं जो नियमों को ताक में रखकर चल रहें हैं।
सूत्रों की मानें तो संबंधित विभाग सिर्फ घूसखोरी का अड्डा बन चूका हैं यहां तक की एनजीटी द्वारा इस हेतु एक कमेटी का गठन भी किया गया है साथ ही कार्यलय भी बनाया गया है ऑफिशियल वेबसाइट भी दी गई है, The Uttarakhand Pollution Control Board
परंतु आरोप है की ले देकर आदेश रोक दिए जाते है और फिर शुरू होता है होटल मालिकों से उगाही का खेल जो निचले स्तर से शुरू होकर उपर तक पहुंचता है यही कारण भी है की होटल मालिक इन पचड़ों में पड़ने की बजाय नियमों को ताक पर रख बिना प्रदूषण लाइसेंस की ही होटल संचालन हेतु मजबूर हो रहे है।।